RISHTON KI MEHAK PART 2

RISHTON KI MEHAK PART 2
माता पिता हैरान है यह मेरे सवाल का उत्तर क्यों नहीं दे पा रहा है। कुछ देर होने पर मां निर्मला कहती है, आप क्या सोच रहे हैं। हमारा बेटा क्या बहरूपिया जो हमको डराने आया है आप भी कमाल करते है। क्यों आप शक की दीवार खड़ी कर रहे है। देवीलाल चिड़ते हुये मेरा शक करना उचित है। इसको इतनी बड़ी पदवी कैसे और क्यों मिली है। कुछ तो कारण है। मैं खुश तो हूँ पर मेरी खुशी हजम नहीं हो या रही है। निर्मला सुन चिढ़ रही है। और कहती है आपने कभी अपनी जिन्दगी में खुशी प्राप्त की है। मेरे बेटे की तरक्की को देख आग बबूला हो रहे हो। बे मतलब में दिमाग चला रहे हैं। मेरा बेटा होनहार और भगवान की कृपा से पवन ने यह सुनहरी मौका हासिल किया है। हमारा बेटा भाग्यशाली है, देवी लाल फिर चिढ़ते अन्दाज में अच्छा ठीक है। ईश्वर की कृपा से पुलिस वाला बना है। इस के अन्दर क्या खूबी नजर आ रही है। इसकी चमक को देखकर, तुम अन्धी मत बनों यह अपनीअसलियत बता क्यों नही रहा है। निर्मला चिडते हुये आप आम नही दिखाई पड़ रहे है, आपको सिर्फ पेड़ की गिनती दिखाई पड़ रही है। अब निर्मला का पारा चढ़ता है, और बेटे पर शिकन्जा कसते हुये । और गाल पर थप्पड़ मार कर कहती है। तू बता क्यों नहीं रहा है। क्यों हमारी हैरामी बढ़ा रहा है। पवन मां का थप्पड़ खाकार क्रोधित नहीं हुआ मुस्कुराता कहता है। मां एक और थप्पड़ मारले फिर भी तेरा बेटा नफरत नहीं करेगा। मां का डांटना तथा मारना एक शिक्षा प्रदान करती है। मेरी दृष्टि तुझे अपमानित से नही बल्कि प्यार की बुनियाद रखेगी। निर्मला बेटे पर उत्तेजित स्वर में कहती है। खड़ा खड़ा मुंह क्या देख रहा है। तेरी खामोशी हमको बेचैन कर रही है। दिल में उलझने बढ़ रही है। हमारी नफरत की आग को हवा न दे। पवन मजबूर होकर कहता है। मेरे व्यान के दो रास्ते निकलते पहला रास्ता तरक्की -दूसरी दुश्मनी आप सुन कर मेरे व्यानों के आधार पर किसी एक रास्ते को अपना लेना में आपका बेटा उसी मार्ग पर कदम रखेगा जिसको तुम चुनोगे। पहले तो मैं नफरत तथा दुश्मनी की तस्वीर को सामने करता हूँ। इस समय आप मुझे अब देख रहे हैं। अगर मैं इस पदवी पर रहता हूँ तो इसमें कोई शक नहीं देश भक्तों को पता चला तो हम उन की नजरों में उन के लिए दुश्मन बन जायेंगे और यह पता है कि अगर में इस पद से हटता हूँ तो अंग्रेजी हुकूमत की नजरों में गद्दारी का दर्जा मिलेगा तो मेरे लिये मुश्किलें ही मुश्किल है। और दूसरा मार्ग है। नोकरशाही इस में मालिक की जी हुजूरी में रहकर काम करना पड़ता है। ऐसा काम करने से मनुष्य की कोई कदर नहीं। अब मैंने आपके सामने दोनों ही शर्तें पेश की है। फैसला अब आपका है। अब सवाल उठता है, मुझे यह वर्दी किसने और किस तरह मिली (अपनी दास्तान सुनाता है, कहानी फ्लेश बैक में) "देवीलाल फ्लैश बैक की दास्तान सुन भड़कते हैं और कहते है। उतार दे इस वर्दी को इस वर्दी में देश द्रोही की बू आ रही है। हमारे उन देश भक्तों के दिलों में नफरत जाग उठेगी। और हम उनके दुश्मन बन जायेंगे और किसी न किसी दिन उनकी गोली तुझे मौत की नींद सुला देगी इसी में तेरी भलाई है। छोड़ दे उन अंग्रेजों की गुलामी और जा मिल उन देश भक्तों और उनको तुझ जैसे जवानों की जरूरत है। देश में रह कर देश द्रोही मत बन अब पवन के लिये निर्णय की घड़ी है। किसको छोड़ता है। काफी सोचने पर अपने पिता की नसीहत दिल में दस्तक दे रही है। और अंग्रेजों की गुलामी से निकलने की कासम खाता है। मैं अपने देश भक्तों के साथ मिल कर देश को गुलामी से आजाद करा दूंगा। यह कसम दोहरा कर वर्दी उतारता है। और वर्दी को हाथ में थाम जार्ज से जा मिलता है। जार्ज पवन को वर्दी हाथ में लिए आता देख चौंकते हैं। और मन में अजीब धाराना समा रही होती हैं। जार्ज के कहने से पहले पवन स्लूट मारता तथा वर्दी देता है. और कहता है। आपकी दी हुई पदवी संभालना मेरे लिये मुमकिन नहीं है। यह वर्दी मुझे शोभा नहीं देती। मुझे माफ करना मैं इस काबिल नहीं हूँ। जार्ज की बीबी पवन के चेहरे पर नफरत के भाव तथा बोल सुन घबरा रही होती है। और सोचती है, यह नफरत की बुनियाद पर आ खड़ा है। हमको इस की बुनियादी अरमानों को कुचलना खूब अच्छी तरह आता है। अब लिली को जुनून चढ़ता है, और जार्ज को इशारा करती किसी एकांत जगह ले जाती है। और कहती है पवन को इसके माता पिता ने हमारे खिलाफ नफरत का बीज को दिया है. और हमको इस बीज के उगने से पहले बीज को उखाड़ फेंकना है। इसको डरा धमका कर इसके दिल से नफरत की आग को ठंडा करदो ताकि यह हमारी गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहे। अगर हमने ऐसा न किया तो एक और आतंक बाद बन कर खड़ा हो जाएगा, और सबसे पहले हमको निशाना बनायेगा। अगर यह हमारी धमकियों को ठुकराता है, तो इसको ही ठिकाने लगा देना होगा। जार्ज वाइफ की बातों से सहमत होता है। कहता you are right आपकी बात ठीक है। उधर पवन खड़ा सोचता है, उनको इतना समय हो चुका है। वो न जाने क्या बातें कर रहे हैं, कहीं मेरे खिलाफ षड़यन्त्र तो नहीं रच रहे हैं। तभी वो आते दिखाई पड़ते हैं। पवन के मन में घबराहट हो रही है। और पास आ पहुंचते हैं। दोनों पवन की तरफ जहरीली नजरें बिछाये हुये हैं। पवन दोनों के चेहरे पर नजर डालता है। देखता है, नजरे महसूस करता है, यह जरूर मुझे मारने का प्लान बनाकर मेरे सामने खड़े हैं। अब जार्ज पिस्तोल निकालता तथा पवन की तरफ निशाना साधता है, पवन इस नजारे को देख पैरों तले जमीन खिसक जाती है। और थर्रा रहा होता है, जार्ज रोसीली आवाज में कहता है। जानते हो यह निशाना किसलिये है। क्योंकि तुमने हमारा नमक खाकर हमसे नमक हरामी दिखा रहे हो हम तुम जैसे नमक हरामो को हमेशा हमेशा के लिए इस दुनियां से आजाद कर देते हैं। यह हमारा वफादार हथियार बस अब तुम मौत और जिन्दगी के कगार पर खड़े हो फैसला करना तुम को है। मौत या जिन्दगी। पवन थरथराता तथा पसीने पसीने बदन की परवाह न करते हुये रौब से कहता है जो जांबाज होते हैं वो कभी मौत से घबराते नहीं हैं, चलाओ गोली देखता हूँ तुम्हारी पावर को जार्ज हल्का सा मुस्कुरा कर कहता है। ओह अब भी जांबाजी का सबूत पेश कर रहे हो पता नही तुम्हारे सामने मौत है। पवन जांबाज खामोश खड़ा है। जार्ज हसता कहता है, जार्ज जेब से रुमाल निकालता कहता है । मानता हूँ तुम जांबाज हो लेकिन मेरा बफादार रक्षक निहत्थे पर बार नही करता है, लो रुमाल अपना पसीना साफ करलो । पवन रुमाल की तरफ नजर डालता तथा रुमाल नही लेता है। और कहता है मेरा पसीना गवाही दे रहा है गद्दार में नहीं तू है। तेरे नमक का हक पहले ही अदा कर चुका हूँ। और तुम जैसे कुत्ते न कभी वफादार थे और न रहेंगे देखते क्या हो चलाओ गोली मैं निहत्था होकर भी तुझे ललकार रहा है। देखता क्या है चला गोली में निहत्था होकर भी तुम से मुकाबला करने को तैयार हूँ। पवन मोका पाने की कोशिश में है, मौका पाकर जार्ज के हाथों से पिस्तोल छीन लूँ और वो मौका पाता है तथा जार्ज के हाथों से पिस्तौल झटके से छीनता तथा मुस्कुराता है। बाजी पलटती देख जार्ज तथा लिली चौकते है आंखें फटी की फटी रह जाती है और दोनों थर्रा उठते है। और दोनों घुटने बल बैठते तथा हाथ जोड़ते विनती करते हैं। लिली नहीं हम पर गोली नही चलाना पवन भी जोश में पिस्तोल इनकी तरफ दिखाता है। लिली तथा जार्ज नहीं हमको निशाना नहीं बनाओ हम तो तुमको मारना नहीं चाहते थे हम तो तुम्हारी आजमाइश कर रहे थे। इन दोनों का चेहरा उतरा हुआ तथा बदन पसीने पसीने हो रहा है। पवन जोश में कहता है। झूठ और मक्कारी का भाषण मत दो मैं कुछ नहीं सुनता तुम दोनों को मार देने में ही भलाई है। जार्ज गिड़गिड़ाते हुए हमको मार देने से क्या ब्रिटिश फोर्स समाप्त हो जायेगी मेरी जगह कोई और आयेगा पवन इस तरह बातें करने से क्या मैं तुम को छोड़ दूँगा मेरे जोश को नर्मश करने की कोशिश मत करो। लिलि चिड़ते हुए ठीक चला हम पर गोली मिटा दे इस धरती से हमको सबसे पहले लिलि अपना गिरेवा खोलती कहती है पहले मुझे मार मैं अपने हसबेन्ड को सामने मरता देखना नही चाहती। पवन लिली मेम की दर्द भरी आवाज सुन दिल पसीजता है। और दया दृष्टि की ज्योति जगाता है। और पिस्तौल हाथ से छोड़ देता है। पिस्तौल जमीन पर गिरती है।