RISHTON KI MEHAK PART 3

जार्ज तथा लिली की नजर पिस्तोल पर पड़ती है। लिली पिस्तोल उठाती तथा जार्ज की तरफ देखकर भावुक होती सीने से लिपटती है।
कुछ पल लिपटने के बाद हटती तथा आंखें नम करती पवन की तरफ
देखती कहती है – लो पिस्तौल तुम हमको मार देना चाहते थे। लो मारदो चलाओ हमपर गोली देखते क्या हो हम पर रहम मत खाओ हमको मार देने में तुम्हारी भलाई है। तो हम मरने के लिए तैयार हैं। सोचो मत अपना काम करो। पवन खामोश खड़ा अपने आपसे समझौता करता है। अगर अपने मात पिता की बात मानता हूँ तो इनको मारने से मैं पापी की जिन्दगी जीना अच्छा नही समझता मैं एक चिन्ता का विषय बन गया हूँ। इतना ही सोचा था कि, अचानक देश भक्तों की टोली जार्ज के बंगले की तरफ आ रही होती है। आने का शोर सुन जार्ज तथा लिली चौंकते है और आश्चर्य चकित हो उठते हैं। और पवन की तरफ नजरों से पैगाम दे रहे होते हैं। पवन आखों के पैगाम पर गौर करता तथा हड़बड़ाता हुआ पिस्तोल उठाता देशभक्तों की तरफ फायरिंग करता है। और इनकी रक्षा करता है। मौसम बारिश का बना हुआ है। मानों जैसे अभी बारिश होने वाली है।
कुछ ही पल में बारिश शुरू हो जाती है, बारिश बचने के लिए पवन जार्ज से दूर हटता है। जैसे ही हटता है, फौरन ही जार्ज को गोली सीने के पार होती है और जार्ज अपने प्राण त्याग देते हैं। लिली तथा पवन को पता नहीं चलता है, कि जार्ज को गोली लग चुकी है। और दुनिया छोड़ चुके हैं। देश भक्त अपना काम करके जा चुके है। हल्के कपड़े पहने होने के कारण लिली का बदन साफ दिखाई पड़ रहा है। लिली दूर खड़ी है। अचानक पवन की नजर लिली पर पड़ती है। लिली का भीगा बदन देख पवन के मन में योवन वासना जाग उठती है। लिली ज्यादा भीग जाने के कारण हल्की-हल्की ठंड महसूस करती और अपने आप मे सिमट रही होती है. और इसके मन में भी योवन वाराना की ज्वाला एक करन्ट की तरह उमड़ती है। और अपने आप को बेकाबू पाती है, जार्ज की तरफ जाने का ख्याल मन में आता है, पर जा नही पाती उधर ही एकांत जगह खड़ी भीगे बालों का पानी निचोड़ रही होती है, पवन भी बड़ी बारीकी से देख रहा होता है। और उसका मन लिली को बाहों में भरलेने के लिए उछल रहा होता है।
लिली पवन पर नजर जार्ज समझ कर डालती है। जोश जवानी में अंधी होती जार्ज समझ पवन कि तरफ दौड़ती सीने से आ लगती है। कुछ देर तक एसे ही उसके गले लगी रहती है। और पवन को कमरे के अन्दर ले जा पहुचती है। और अपने आपको पवन को अर्पण कर बैठती
है, और योवन वासना को शांत करती है। होश मे आने के बाद देखती है जार्ज के साथ सम्बन्ध न बना कर पवन के साथ सम्बन्ध बना बैठी लिली अपने किये पर शर्मिंदा होती। और दोड़ती जार्ज की तरफ जा पहुँचती है। पवन भी घबरा रहा है अब क्या होगा और सोच रहा होता
है। मैंने यह क्या किया मुझसे से यह घोर पाप हो गया कही जार्ज को पता चला तो वो मुझे बख्सेगा नही उसका चेहरा उतरा हुआ है। जुबान बन्द है? तभी जोर से चीखने की आवाज सुनाई पड़ती है। पवन चीख को सुन हिल गया। और शरीर में दहशत फैलती है। और पैरों तले जमीन खिसक जाती है।
अब पवन का शरीर बिलकुल दुर्लभ बन चुका है। मेम जार्ज के मृतक
शरीर से (यानी हाथ से ) पिस्तौल लेकर रोती चली आ रही है। पवन कुछ फासले पर मेम को देखता है। पिस्तोल हाथ में देखता थर्रा उठता है। और महसूस करता है, मेम का कातिलाना मूंड बना हुआ है। अब मेरी जान लेकर ही रहेगी जितना जितना करीब आती नजर पड़ती है दहशत बढ़ रही है। और पास आ पहुंचती है। और पिस्तौल पवन के सामने करती आंखे लाल चेहरा मायूस पवन मेम की तरफ देखता नजरे झुकाये खामोश खड़ा हैं। दृश्य डरावना बना हुआ है। काफी देर होने पर मेम जार्ज की तरफ इशारा करती है, और जुदाई के गम से मेम की आवाज न निकल नहीं पा रही है। पवन समझता है, यह जार्ज का खून करके मेरे सामने खड़ी है। कुछ पल खामोशी को देख मेम पवन का हाथ पकड़ खींचती हुई जार्ज के मृतक शरीर के पास ले जा रही होती है। पवन अपनी सुध बुध खोता खिचता चल रहा है। और जार्ज के मृतक शरीर पास जा पहुँचता है। और जार्ज का खून बारिश के पानी में बहता देखता चौकता है। तथा आश्चर्य करता है। और सोच है यह खून देशभक्तो ने या फिर मेने किया है। खूनी कौन हो सकता है। बहुत देर में मेम की आवाज निकलती सुनाई पड़ती है, लड़खड़ाती आवाज में कहती है।
जार्ज का खून तुम्हारे देश भक्तों ने किया है। जार्ज के कातिल को ढूँढ़ निकालना है। यह काम तुम पर सौंपती हूँ। पता मिलने पर उसको मौत के घाट उतारना आपका काम है। बोलो मेरा साथ दोगे पवन चिन्तित होता है और जवाब नहीं दे पाता है। कुछ पल ठहरने पर पवन कुछ नहीं कह पा रहा है। तो मेम चिड़ते हुये कहती है। खामोश क्यों हो कुछ बोलते क्यूँ नहीं तुम्हारी खामोशी मुझे बेचैन कर रही है। पवन अपनी दहशत से बाहर आकर कहता है। मेंम में समझता हूँ। आपके मन मे प्रतिशोध की ज्वाला धधक रही है। यह काम इतना आसान नहीं जितना आप समझ रही हैं। इसका पता निकालने में काफी समय लग सकता है। पहले आप अपने धर्म के अनुसार इनका अंतिम संस्कार करे लिली हेड क्वाटर फोन करती है। वहाँ से ब्रिटिश फोर्स द्वारा जार्ज को दफनाया जाता है। लिली गमभीर अवस्था में हर समय चिन्ता में डूबी रहती है।
जार्ज के मर जाने से मैं बिलकुल अकेली रह रही हूँ न रातों को नींद और न दिन में सुकून है हर दम चिन्ता के बादल छाये रहते है अपने जीवन की नय्या को अकेले पार लगाना मुश्किल है। मुझे नय्या पार लगाने के लिए दूसरी शादी करनी चाहिए
पवन भी अपने माता पिता को नजर अन्दाज कर चुका है। लिली की बढ़ती टेंशन के कारण लिली को हर तरह से खुश देखना चाहता है और रेन बसेरा लिली के बंगले पर ही है। जब जब रात होती है लिली उदासी में बदल जाती है। किसी दिन लिली का मन पवन की तरफ दौड़ता है। क्यों न मैं पवन को जीवन साथी बनालूँ बहादुर भी है जवानी बरकरार है। और मन पवन की तरफ आकर्षित होने लगता है, और वो दिल के हाथो मजबूर होके पवन से जा मिलती है, पवन आधी रात के समय मेम को अपने पास देख चिन्ता में डूब जाता है, कहीं मेम पहली जैसी हरकत का इरादा बना कर तो नहीं आई मैं पहले से ही शर्मिन्दा हूँ। फिर शर्मिन्दा करने आ पहुँची है।
लिली पवन के चेहरे पर घबराहट के बादल देख कहती है। क्या तुम मुझे इस समय अपने पास देख घबरा क्यूँ रहे हो मैं अपना प्रस्ताव लेकर आई हूँ। क्या तुमको मेरा प्रस्ताव स्वीकार होगा पवन अपना थूक अन्दर सटकते हुए घबरा कर कहता है। बोलो क्या प्रस्ताव है आपका लिली में बहुत कुछ सोच कर तुमसे कहना चाहती हूँ। देश भक्तों से बदला लेना इतना आसान काम नहीं है। इसमें तुम्हारी जान जाने का खतरा है। और मैं तुमको खोना नहीं चाहती क्यों कि मैं तुमसे शारिरिक सम्बन्ध बना चुकी हूँ। इसलिए मेरा मन तुम्हारी तरफ आकर्षित हो रहा है।
मैं तुमको अपना जीवन साथी बनाना चाहती हूँ। मैं जवान विधवा हूँ अकेले जीवन का सफर तय नहीं कर पाऊँगी मुझे तुम्हारी जरूरत है तुमसे शादी करलेने की भावना मेरे दिल को दस्तक दे रही है। क्या तुम मुझसे शादी कर लेने के इच्छुक हो। अगर तुमने न का जवाब दिया तो पहले तुम पर गोली चलेगी बाद मै अपने आपको खत्म कर लूंगी पवन इस पेचीदा सवाल को सुन दिमांग के तार झन झना उठते हैं। और सोचता है, अगर मैने मेम की बात मान ली तो मां बाप तथा समाज के साथ भ्रष्टाचारी बन कर रह जाऊँगा मेरा मन स्थिर नहीं हो पा रहा है। अगर मैं शादी करता हूँ। तो मुझे मात पिता तथा देश छोड़ना पड़ेगा मुझे अग्नि परिक्षा की चुनौती स्वीकार करनी पड़ेगी।
काफी देर होने पर मेम मालूम करती है। क्या कुछ मन में आया या नहीं कहीं मुझे पिस्तोल का सहारा तो नहीं लेना पड़ेगा। पवन सुनता तथा चौंक कर कहता है। क्या आप मुझे धमकी दे रही है। मेम मैं धमकी नहीं दे रही मैं हकीकत कह रही हूँ। मैं तुमको जी जान से तुमसे प्यार करती हूँ। मेरा मन भी तुमको हसबैण्ड बनाने पर मजबूर कर रहा है। और पवन के सीने से लगती कहती है। मेरा मन तड़प रहा है तुमको पाने के लिए मुझे अपने दिल में जगह देदो।
पवन इस दर्द भरी अपील को सुन मेम पर दया दृष्टि डालता कहता है- ठीक है मुझे मंजूर है। मैं तुम्हारी भावनाओं को कोई ठेस नहीं पहुँचाना चाहता में भी तुम पर दिल हार चुका हूँ। पर हम यहाँ रह कर शादी नहीं कर सकते हमको यह, वतन छोड़ तुम्हारे वतन में प्रवेश करना पड़ेगा वहीं पर जाकर शादी रचायेंगे मेम पवन की बात पर एग्री होती है। और वो कुछ दिन के बाद लन्दन पहुँचते और क्रिश्चन रीत मुताबिक शादी करते है। पवन यहाँ की चमक को देख लन्दन की परम्पराओं मे मिल जाता है। और भरपूर आनन्द प्राप्त करता है। पवन के माता पिता महीना साल इन्तजार किया पर नतीजा कुछ भी हासिल न हुआ सब्र करके रह जाते हैं। माँ भी पवन की जुदाई का गम दिल में बसा लेती है, और आने का सपना देखा करती है। अब की बार निर्मला सपने में देखती है, पवन शादी कर के अच्छी हस्तीवाला बन गया है।
बहू के साथ मेरे पास आया है। और मां मां कहता आवाज दे रहा है, मैं झट से खुशी खुशी आरती की थाली लेकर दरवाजे तक पहुँचती हूँ। तभी मेरी आँखें खुलती है। और सपना टूट गया निर्मला आश्चर्य से उठ जाती है, तभी पवन के पिता की आंखें खुलती है। देखते है पत्नी उदास बैठी है, देवीलाल बेटे की जुदाई का गम में भावुक हो उठते है। पत्नी निर्मला से कहते है, मत रो-रो कर अपनी आंखें खो बैठेगी उसकी चिन्ता करना छोड़ दे वह अब नहीं आयेगा उस को हमारा ख्याल होता वह जरूर आता वह हमको जीते जी मार गया। अब उसकी याद दिल से निकाल दे निर्मला रोते स्वर कहती है, मैं बहुत कोशिश करती हूँ पर मेरी ममता नहीं भुला पा रही है।
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