RISHTON KI MEHAK PART 6

RISHTON KI MEHAK PART 6
(अब कहानी इन्सानियत के मोड़ पर, बारबर बदलती है) दादाजी - यह सब अब क्या करना चाहता है। राबर्ट --- मैं एक सीनियर डाक्टर हूँ। जब मैंने सुना सारे डाक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिये है। मेरे मन में एक कलंकित भावना दस्तक देने लगी कि धिक्कार है ऐसी डाक्टरी पर, जो किसी दर्दनाक बीमारी का इलाज न कर सकें। यही एक चिनोती के रूप में दिल में तीर के समान धंस रही है। मैं उससे मिलकर और हमदर्दी तथा इन्सानियत का रिश्ता कायम करना चाहता हूँ। और अपमानित उत्तेजना को शान्त कर लेना चाहता हूँ। प्रण (इरादा) है। दादाजी राबर्ट की इस सोच पर बहुत अच्छी तरह ध्यान देते कहते हैं। बेटा तेरा इस नेक झरादे से मैं बहुत खुश हूँ। और मुझे उस डांसर से किस तरह मिल सकता हूँ। न आपको पता और न मुझको पता समस्या कुछ गंभीर है। तभी दादा जी को ध्यान आया और बोले पिछली बार मैं उस मेले में गया था। मैंने उस डांसर की पेन्टिंग बेचते हुए देखा इस का पता -शायद उस आदमी से मिल सकता है। कल मेले का दूसरा दिन है। रश बहुत होता है। जरा होशियारी से जाना राह मत भूल जाना राबर्ट सारी रात बेचैनी से काटता है, सारी रात इसी चिन्ता में डूबा होता है ऐसा किस मर्ज से परेशान है। जो डाक्टरों की समझ से बाहर है। मुझे पुरा विश्वास है। मैं अवश्य ही ठीक कर सकता हूँ। यह मेरी आत्मा विश्वास दिला रही है। सुबह होते ही रावर्ट दादा जी से पता मालूम करता है। यह हरियाणा में पड़ता है, पहले तुझे तुगलकाबाद के पास प्रहलादपुर जाना है। वहाँ से ऑटो रिक्शा मिलेगा वही तुझ को ले जा पहुँचायेगा रावर्ट सूरज कुन्ड मेले में दादा जी के बताए अनुसार मार्ग द्वारा पहुँचता ॥ मेंले की भीड़ तथा चहल पहल को देख खुश होता है। और घूम फिरता न दृश्यों को देखता आनन्द मय होता है। और साथ साथ पेन्टिंग बेचने वाला दिखाई नही पड़ता है। घन्टों तक तलाश किया पर पर पेन्टिंग वाले का पता नहीं निकाल पाता है। रावर्ट की सारी खुशियां फिखी पड़ रही है। नर्मस होता रावर्ट थक कर किसी एक तरफ जा बैठता है। और आराम करता है। कुछ देर आराम कर लेने के बाद उदास होता तथा हैरानी अवस्था में चलने के लिए उठता है जैसे ही उठता है। नजर उस पेन्टिंग बेचने वाले की स्टाल पर पड़ती है। और आश्चर्य करता है। और देखता तथा सोचता है, शायद यही हो सकता है। चलो चल कर देखता हूँ। वही है या कोई और रावर्ट धीरे-धीरे कदम बढ़ाता चलता है। जैसे जैसे स्टाल के पास आता है। वैसे वैसे इसको पेन्टिंग साफ दिखाई पड़ती है। और खुश होता है। और पेन्टिंग के स्टाल पर आ पहुँचता है। और खड़ा होता इन पेन्टिंग पर नजर डालता है। और खुश होता है, और अपने आपको कहता है। यह तो वही उस नीलोफर डांसर की पेन्टिंग है। जिसके कारण मेरी भावना यहाँ तक खींच कर ले आई है। पेन्टिंग की कल्पना करता है। ऐसा महसूस करता जैसे नीलोफर डांसर पेन्टिंग में निकल कर हूबहू डांस कर करती तथा राबर्ट को आकर्षित कर रही है। और तारीफ करता है वंडरफुल राबर्ट को काफी देर होते देख विजय कुमार, सेल मैन राबर्ट की तरफ नजर जमाये हुए है। हैरान हो रहा है। कहीं यह फोर्नर पागल तो नहीं काफी देर हो चुकी है। पेन्टिंग देखते हुये। न खरीदने का नाम ले रहा है। और न आगे बढ़ने का विजय हैरानी अवस्था में कहता है। सर--- नही सुना- फिर दूसरी बार सरSS खींचती आवाज की भनक राबर्ट के कानों में पड़ती है। राबर्ट हड़बड़ाता हाँ-हाँ कहता विजय की तरफ देखता है। विजय.--सर आपको कुछ समझ आया कैसी है हमारी पेन्टिंग – राबर्ट मुस्कुराते हुगे वेरी गुड वेरी फाइन । विजय- आप लेना चाहेंगे: फिर आप सोचते क्या है। लेते क्यों नहीं यह पेन्टिंग- पेन्टिंग नहीं जीती yes—तो जागती भावनाओं की तस्वीर है। जिसने यह पेन्टिंग बनाई है उसने दिल कलम से और लहू के रंगों से सजाया है भगवान ने सभी प्रांतों के डांस कला प्रदान ही है। रावर्ट ok आपने सही फरमाया है। इस पेन्टिंग में कमी की कोई गुन्जाइश नहीं मैं आपकी सारी पेन्टिंग खरीदना चाहता हूँ। विजय सुनते ही आश्चर्य चकित होता है। विजय सोचता है, पहले तो मुझे शक था। अब यकीन हो गया यह जरूर पागल है। राबर्ट चुटकी बजाता तथा कहता क्या मैंने जो कहा है। क्या शक हो रहा है। विजय कुमार हंसते हुये नहीं नहीं मैंने कब कहा है। मैं आपकी बात पर शक कर रहा हूँ आप मेरे क्लाइंट है। और ग्राहक भगवान का रूप होता है। आपने कैसे सोच लिया मैं आपको इनकी कीमत बताऊँ तो सुन कर चौकोगे तो नहीं एक पेन्टिंग की कीमत 15,000 से २०,००० रुपये है। क्या आप सारी खरीद पायेंगे yes पर मेरी शर्त है। सुनते विजय चौंकता है, आज मेरा किस घन चक्कर से पाला पड़ गया है। इसकी क्या शर्त हो सकती है। सर आप बच्चों जैसी हरकत रहे हो। कहीं आप जुआरी तो नहीं, राबर्ट मुस्कुराते हुये कुछ ऐसा ही समझो - विजय हैरत मय होता है। आज तो विदेशी पागल मुझे भी पागल कर देगा। फिर राबर्ट अगर आप मेरी शर्त मंजूर कर लेते हो तो मुझे आपकी सारी पेन्टिंग खरीदने में मिनट भी नहीं लगेगा आपको इसी समय पेयमेन्ट कर दूंगा। विजय- चिड़ते हुए छोड़ो सर आप मेरा समय खराब करने चले आये हो आपके पास सारी पेयमेन्ट करने की कैश है यह सारी पेन्टिंग 50 है- एक पेन्टिंग 10,000 रुपये के हिसाब से पांच लाख बनता है। आप इतना दे पायेगे o.yes विजय रावर्ट को बातों से बोर होता पक गया है, और हाथ जोड़कर ऊपर की तरफ नजर करता भगवान क्या मैं ही मिला तुझे ऐसे पागल कस्टमर से सर, खप्पी करने के लिये। यह दाव पेच की बातें कर रहा है। क्या शर्त हो सकती है इसकी कहीं मैं फँस न जाऊँ। रावर्ट मुस्कुराते हुए सोचते हो मेरे दोस्त, विजय दोस्त शब्द सुन हैरानी से बाहर आता है। और दिल में दोस्ती की जगह बनाता है। अपने दोस्त का कहकर, आपने मेरे दिल में जगह बना ली है। अब मैं दोस्ती के खातिर आपकी हर शर्त मानने को तैयार हूँ। आप अपनी शर्त का खुलासा करें। राबर्ट मुस्कुराते हुए आपने मुझे अपना दोस्त माना है, आप मेरा शर्त सुन कर पलट ना जाना विजय गुस्कुराते हुए आप कैसी बातें करते है मैं सूर्यवंषी हूँ सूरज का लाल जग में अपने प्रकाश को जगमगाता है। ठीक उसी तरह मैं आपकी कितनी ही कठिन शर्त क्यों न यह सूर्यवंषी विजय कुमार पूर्ण विश्वास के साथ आपकी हर तमन्ना पूरी करेगा। रावर्ट दोस्ती का इकरारनामा सुन खुश होता कहता है। मेरी एक छोटी सी रिकवेस्ट है। और वो तुम्हारे लिये कोई मुश्किल काम नहीं जिसकी आप पेन्टिंग बेच रहे हो क्या आप उस डांसर से मिलवा सकते हैं। विजय दोस्ती के जातिर बोखलाते स्वर में हाँ कहता है। क्यों नहीं अवश्य आपको मिलवा दूंगा सुनते हो राबर्ट का चेहरा फूल की तरह खिल उठता है। विजय हड़बड़ाहट में हां करने के बाद चिन्तित हो उठता है। यह मैंने क्या कह दिया बिना परमीशन के हां करली, जब कि नीलोफर तब से बीमारी का शिकार हुई है। वो उसी समय से मर्दों से मिलना तथा बातें नहीं करती है। नफरत हो गई है। मर्दों राबर्ट - विजय को अचानक खामोश होते देख चिन्तित होता है। और रावर्ट की तरफ ध्यान करता कहता है। - मेरे . दोस्त आप किस चिंता का कारण हो। आप ने मुझे दोस्त बनाया है, आप मुझे भटका मत देना क्या प्रॉब्लम है। विजय रावर्ट की तरफ नजर करता तथा चिंतित स्वर में कहता है। दोस्त माफ़ करना आपकी शर्त पूरा न करने के लिये असमर्थ हूँ। राबर्ट आपने मुझे इस अजनबी को दोस्त बनाया इसके लिये मैं बहुत-बहुत आभारी हूँ। लेकिन नय्या को बीच मझधार छोड़ देना आपको शोभा नहीं देता विजय - मैं आप को किस तरह समझाउ। वह डान्सर मर्द जाति से नफरत करती है।