RISHTON KI MEHAK part 8

बेटा तू अपनी सीमा से बाहर होकर इतनी आसानी से विश्वास कर के अपनी जिन्दगी को नर्क बनाने का काम किया है। खैर, अब कदम पीछे हटाना और आगे बढ़ाना अब भाग्य पर छोड़। एक काम कर अब लड़के को घर पर खाने पर बुला में भी तो देख लूँ लड़का किस मिजाज का है। नीलोफर पापा आप का यह सुझाव अच्छा है। इसी बहाने से मैं उसके परिवार वालों से भी मिल लूँगी अब नीलोफर चिंता जनक रोमियों के घर का पता निकालती पहुंचती है। रोमियों की मां डेजी घरों में काम करके अपना खर्चा पूरा करती है। नीलोफर दौलत मन्द होकर भी और घर तथा मां पर नजर डालती है। और बात करती है।
आन्टी रोमियो यहीं और इसी घर में रहता है। डेजी हैरानी अवस्था में नीलोफर की तरफ देखती है। और मालूम करती है। आप कौन और कहाँ से आई हो। मैं नीलोफर हूँ। और रोमियो से मिलने आई हूँ। डेजी दिमाग पर जोर डालती तथा सोचती है। कहीं यह लड़की वहीं तो नहीं जिसका जिक्र रोमियो से सुनती हूँ। आज में इसको अपने सामने देख रही हूँ। यह तो बहुत अमीर मालूम पड़ती है। नीलोफर क्या सोच रही हो आन्टी। मैं यही कि आप अमीर और महलों की रानी हम ग़रीब झोपड़ों में गुजर बसर करने वालों लोग। मन में कुछ अजीब सा तो महसूस नहीं हो रहा है।
नीलोफर- क्या है, आन्टी मैं इन सब बातों से दूर हूँ। आप अपने मन को ऊँच नीच की तराजू में न तोलो - डेजी हम भी खाते पीते ससुरालकी बहु हूँ। पर वक्ते हालात का शिकार हैं। जब रोमियो 7 साल का का था। उसके पिता हमको छोड़ परलोक सिधार गये। और मेरे ससुराल वालों ने बहू न समझ मुझे घर में काम करने वाली नौकरानी बना लिया हर रोज तानाकसी से तंग आकर मैंने ससुराल को ठुकरा दिया। और मैं इस झोपड़े में आ बसी और घरों में काम करके अपना गुजारा करती हूँ।
मेरा अपना सपना है बेटा अपनी महनत पर पढ़ाई में अव्वल है। अब मैं चाहती हूँ कोई छोटा मोटा कारोबार करले पर वह नहीं मान रहा उसका मन बड़ा बिजनेस करने का है। और आपने अभी तक यह नहीं बताया आप किस इरादे से यहाँ पर पहुँची है यह सुन नीलोफर हंसती कहती है।मैं किस इरादे से यहाँ पर आई हूँ। आपको रोमियों से पता चल जायेगा बस रोमियो से कहना मैं यहाँ आई थी। और मेरे पापा ने उनको खाने पर बुलाया है। साथ में आपको भी। अच्छा अब मैं चलती हूँ। डेजी खुश होती तथा गरीबी के कारण नीलोफर को जलपान नहीं कराया। और शर्मिन्दा होकर कहती है। मैं अपने हाल को देखते हुये आपकी कुछ खातिर न कर पाई माफ करना। नीलोफर खुश से चली आती है। चलती गाड़ी में कई विचार धाराऐं बन रही है। इस हाल में मेरी सोसाय़टी के लोगों पर बुरा असर पड़ेगा जितने मुंह उतनी बाते सुनाई पड़ेगी। मैंने तो सिर्फ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। पता क्या था कि दोस्ती एक प्यार को मुकाम पर ले पहुँचेगी।
अब मेरा पीछे हटना न मुमकिन है। पहले हम तरक्की की मंजिल की बुनियाद को मजबूत करते है। फिर कुछ करना उचित रहेगा। अन्यथा नहीं: यही सोचती नीलोफर घर का पहुँचती है। डेनी बेटी नीलोफर के चेहरे पर उदासी छाई हुई आँखे नम देख इनके दिल को धक्का पहुँचता है। और बदन हिल जाता है। डेनी गम गीन होते हुए बेटी को आवाज देते है,
बेटा नीलोफर ---आवाज सुन नीलोफर रूकती है और मुड़ती तथा पापा की तरफ देखती है। और भावुक होती जल्दी से पापा के गले आ मिलती है। गंभीर अवस्था बेटी की कमर पर हाथ फेरते हुये । आपकी भी आँखे नम हो जाती है। बेटा मै तेरे दर्दनाक दिल की घटना को अच्छी तरह समझ पा रहा हूँ। तू अपने दिले आशियाने को कितनी ही जगह देदे पर वह जगह तुझे खाली तथा छोटी ही महसूस होगी। नीलोफर भावुक स्वर में—पापा अगर गॉड ने मेरा संयोग उस अभागे के साथ जोड़ा है। तो दुनियाँ की कोईनभी ताकत उसका सामना नहीं कर पायेगी गॉड ही इस दुरभाग्य को सुधारेंगे
डेनी चिन्तित स्वर में ठीक है, मैं तेरा बाप हूँ। जब भी तेरा कदम बहकेगा मैं उस कदम को हर पल संभालने की कोशिश करूँगा पापा मैं भी दुख सुख में भी जीवन नय्या को पार, लगाऊँगी बस पापा मेरी थोड़ी सी रिक्वाइस्ट है की आप उसके बिजनेस के लिए मदद करें- पापा-- ठीक है बेटा मुझे यह भी मंजूर है। पहले मैं उससे मिलना चाहता हूँ । हाँ पापा मैं उसकी मां को तथा रोमियो को खाने पर बुलाया है। फिर भी मैं फोन करती हूँ। रोमियो पर फोन नहीं है। जब भी नीलोफर फोन करती है। रोमियो के साथ वाले अंकल के फोन पर बात करती है। अंकल रोमियो से बात करवाते हैं। हेलो नीलोफर, तुम घर पर पहुँची तो मम्मी की आत्मा रोने लगी अन्दर ही अन्दर अपने आपको कहने लगी। घर पर आये हुये मेहमान को जल पान भी नहीं कर पाई। खैर छोड़ो बीते हुये कल को। आज तुम मम्मी को साथ लेकर हमारे घर पर पापा ने तुम को खाने पर बुलाया है। सुन कर रोमियो खुश तो हुआ पर चिन्ता जनक हम और वो दोनों मै ज़मीन आसमान का अन्तर है। किस तरह मिल पायेंगे उनसे इसी चिन्ता में मम्मी के पास आ पहुँच मम्मी बेटे का चिन्ता जनका चेहरा देख अफ़सोस करती बेटे तू किस चिन्ता में डूबा है।
रोमियो - मम्मी क्या ब्यां करू में एक गम्भीर समस्या में फंस गया हूँ। सुनते ही डेजी चौंकती है। तथा कहती है, बेटा तेरी समस्या में समझती हूँ। तुझे अमीर, घराने का निमंत्रण मिला है तुझे उनके खाने पर पहुँचना है। रोमियो हाँ मम्मी यही मैं भी सोच रही हूँ। कि न हमारी पर्शनल्टी है, और न ही फेसलेटी है। हम किस हाल में मिलेंगे उनसे। हमें तो इस पोजीशन में अपने आपको शर्म आ रही है। हमारी मिलने की ख़ुशी हमारी बेज्जती में न बदल जाये रोमियो – ऐसा मत सोचो - कुछ अच्छा सोचो क्या पता हमारा किस्मते सितारा बुलन्दी पर ले जा रहा हो रोशन- ए- सितारा के जगमगाने लगे। डेजी-ऐसा नसीब नहीं है हमारी जिन्दगी में जो हम खुशनशीबी के द्वार को प्रवेश करें। जी छोटा न करो मम्मी मुझे यकीन है, अब हम बुलन्दे तकदीरे गेट पर दाखिल होने जा रहे हैं। दोनों मां बेटे नर्मस तथा शर्म महसूस करते नीलोफर के घर जा पहुंचते हैं। डेनी इनको देख कुछ मन फीखा करते तथा फिर फ्रेश मूड में इनका आदर सम्मान करते बैठने को कहते है। दोनों इनकी आलीशान इमारत को देख चौंकते हैं। और मन छोटा करते है। कुछ ही देर में नाश्ता पेश किया जाता है। मां-बेटे के मन में झिझक बस रही होती है। और अपनी झिझक को सीमा की तराजू में तोल रहे होते है (यानी होले घबराहट) डेनी इनकी तरफ देखते कहते है। आप हमारी दौलत ए चमक पर ध्यान न करें मैंने आपको बुलाया है। इसलिए नहीं कि मैं आपकी गरीबी का मजाक बनाकर, अपको बेइज्जत कर दूं। आप मेरे गेहमान है, आप बेझिझक नाश्ता किजिए मां-बेटे नास्ता तो करते हैं। लेकिन घबराहट के साथ अब डेनी - रोगियों से बात करते हैं। अच्छा बेटे आप मेरी बेटी को कब से जानते हो। जी मैं और नीलोफार स्कूल को दौर से अब तक और उम्मीद है कि आने वाले समय में बहुत जल्द में इस दोस्ती को एक वैवाहिक रूप देना चाहता हूँ। और यही ईश्वर से प्रार्थना है। कि हम दोनों को जीवन साथी का रूप प्रदान करे। बेटे मैं तुम्हारे इस शुभ विचार से बहुत खुश हूँ। अब आगे क्या करना है। शादी या कुछ और जी मै सबसे पहले में बिजनेश करना चाहता हूँ। मैं किसी कम्पनी में इनवेस्ट करना चाहता हूँ। जिससे मैं भी अच्छे बिजनेस मैनों मेनों की तरह ऊँची पोस्ट पर अपनी पहचान बना लूँ । डेनी - फिर इस काम के लिये तुमको पैसों की जरूरत पड़ेगी। पैसा तुम्हारे पास है।
रोमियों झिझकते हुये यही तो चिन्ता है, कि मेरे पास पैसा नहीं है। तुम्हारे इस नेक विचार से मैं तुम्हारी मदद करने के लिये तैयार हूँ। तुमको कितनी जरूरत है। रोगियो बस 10 लाख रुपये। नीलोफर सुन खुश हो रही होती है। डेनी... ठीक है तुमको मिल जायेगा नीलोफर इनका हर वक्त साथ देते रहना नीलोफर...- पापा के गले लगते हुये थैंक्यू पापा
अब डेनी उठते हैं। और अन्दर कमरे की तरफ चलते हैं। और कमरे की तरफ पहुँचते तथा 10 लाख रुपये ब्रीफ़केस में रखते है। और थोड़ी देर के बाद बाहर आते दिखाई पड़ते हैं। और हाथ में ब्रीफ़केस है। और इनके बीच आ पहुँचते है। और ब्रीफ़केस की तरफ इशारा करते हुए यह भी पैसा तुम्हारे बिजनेस के लिये दे रहा हूँ। इस पैसे को किसी ना जाइज जगह, स्तेमाल नहीं करना। इसके न होने से आदमी की हर इच्छाओं का खून हो जाता है। इस को पाने के लिए आदमी रात दिन मेहनत करता है। इसी को रुपया कहते हैं इस का रूप है, पहिया यह चलता ही रहता है इसका रुकने का काम नहीं। आदमी इसके पीछे भगता ही रहता है। तुम भी इस पैसे को किसी अच्छी कम्पनी में इन्वेस्ट करना फ्रॉड कम्पनी से बचकर रहना, इस दौर में फ्रॉड कम्पनी ज्यादा हैं। नीलोफर तथा डेजी इन बातों को सुन रहे हैं । चेहरा फुल की तरह खिलता है। नीलोफर और पापा डेनी मुस्कुरा डेजी तथा रोमोयो रूपये लेकर चलने की अज्ञा चाहते हैं, डेजी आदर सम्मान से कहते हैं । आप की इच्छा है। आप सावधानी से जाना नीलोफर की तरफ ध्यान करते कहते हैं। बेटा नीलोफर इनको घरतक छोड़ आओ - नीलोफर मुस्कुराती गाड़ी निकालती है। और डेजी तथा रोमियो को घर तक छोडती है । अब रोमियो का खुशी से भरा मन है। और बहारों के सपने मन में बस रहे हैं। अब मेरे लिए वो मंजिल दूर नहीं मेरे पास तकदीरे चाबी है । जब चाहूँ तकदीर को बुलन्द कर सकता हूँ। तभी मां डेजी चाय लेकर आ पहुँचती है। रोमियों मां की तरफ देखता तथा खुश होता चाय लेता है। मां कहती है, बेटा अब तेरे पास परी अमानत तेरे पास है । इसको गलत जगह स्तेमाल नहीं करना, अपने विश्वास को बनाए रखना रोमियों हँसता कहता है। मां मैं ऐसा ही करूंगा जो तुम कह, रही हो अच्छा इस रकम को संभाल कर रखना मैं बाहर, जाकर आता हूँ। फिर ख्याल आया क्यूँ न मैं पैसे लेकर चलूँ रोमियों वापस लौटता घर पहुँचता है। और मां से रूपये लेता चलता है और रूबी फाइनेंस एक इन्वेस्ट कम्पनी जो नम्बर वन फ्रॉड कम्पनी है, उससे जा मिलता है। यह कम्पनी अनजान नये व्यक्ति की तलाश में रहती है, यह कम्पनी फरेवी बातों लोंगों फांसते तथा अपना मकसद को पूरा करते हैं ।
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